चिड़िया रानी पर कविता। Hindi poem on bird। Chidiya par kavita
चिड़िया पर कविता:
हेल्लो दोस्तो कैसे हो आप हम आपके लिए चिड़िया रानी पर कविता। Hindi poem on bird। Chidiya par kavita लेकर आए है। ये कविता छोटे बच्चे को लिए बहुत उपयोगी होगी और आपको पढ़कर बहुत अच्छा लगेगा।
चिड़िया रानी पर कविता। Hindi poem on bird। Chidiya par kavita
चिड़िया रानी पर कविता:
चिड़िया रानी आई है, आज मेरे घर आई है
बड़े दिनों बाद आज ये आई है
घर आंगन मै फुदक रही है
अपने संग खुशियां लाई है
चहचहा रही है घर मै,
आज ये जंगल से आई है,
देखो आज चिड़िया रानी बड़े दिनों बाद आई है,
बच्चे देख रहे है इसको,
घर आंगन मै खुशियां छाई है,
बड़ी नटखट है ये,
अपने संग बच्चो की खुशियां लाई है
देखो आज चिड़िया रानी आई है,
अपने संग आज ये खुशियां लाई है।।
2. चिड़िया पर कविता
जब वो चहकती है तो फूल भी खिल उठते हैंबाग उपवन सब महकने लगते हैंजंगल में चहचाहती है वोपर सबके मन को बहुत भाती है वोकभी कभी फूलो पर मंडराती है वोकभी अपने लिए घर बनाती है वोअपने बच्चो को बड़े प्यार से खिलाती है वोमां होने का सारा फर्ज निभाती है किचिड़िया है तो क्या हुआ सबको पाठ पढ़ाती है वोअपना काम खुद करोमेहनत का अर्थ बताती है वोजंगल जंगल घूमकरअपने बच्चो के लिए खाना लाती है वोकभी नदी तो कभी तालाबहर झरने पर पानी पीने जाती है वोचिड़िया है तो क्या हुआजीने का अर्थ बताती है वोजिंदगी का हर मतलब सिखाती है वोशांति का पाठ पढ़ातीकभी उड़कर तो कभी गिरकरआसमां में उड़ना सिखातीकभी हार नहीं माननाजीवन का वो अर्थ बतातीचिड़िया रानी बड़ी सयानीजीवन का हर पाठ पढ़ातीजब भी कभी मन करता उसकाआसमां में वो उड़ जातीअपने पंखों को फैलाकरजीवन का वो मर्म समझातीचिड़िया रानी बड़ी सयानीवो हम सबके घर को आती।
2. चिड़िया पर कविता
जब वो चहकती है तो फूल भी खिल उठते हैं
बाग उपवन सब महकने लगते हैं
जंगल में चहचाहती है वो
पर सबके मन को बहुत भाती है वो
कभी कभी फूलो पर मंडराती है वो
कभी अपने लिए घर बनाती है वो
अपने बच्चो को बड़े प्यार से खिलाती है वो
मां होने का सारा फर्ज निभाती है कि
चिड़िया है तो क्या हुआ सबको पाठ पढ़ाती है वो
अपना काम खुद करो
मेहनत का अर्थ बताती है वो
जंगल जंगल घूमकर
अपने बच्चो के लिए खाना लाती है वो
कभी नदी तो कभी तालाब
हर झरने पर पानी पीने जाती है वो
चिड़िया है तो क्या हुआ
जीने का अर्थ बताती है वो
जिंदगी का हर मतलब सिखाती है वो
शांति का पाठ पढ़ाती
कभी उड़कर तो कभी गिरकर
आसमां में उड़ना सिखाती
कभी हार नहीं मानना
जीवन का वो अर्थ बताती
चिड़िया रानी बड़ी सयानी
जीवन का हर पाठ पढ़ाती
जब भी कभी मन करता उसका
आसमां में वो उड़ जाती
अपने पंखों को फैलाकर
जीवन का वो मर्म समझाती
चिड़िया रानी बड़ी सयानी
वो हम सबके घर को आती।
दोस्तो ये थी हमारी चिड़िया रानी पर कविता आपको ये किसी लगी हमे कॉमेंट करके जरुर बताएं।।
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