बेटी पर कविता। Hindi poem on daughters। Beti par Kavita
बेटी पर कविता:
हेल्लो दोस्तों आज हम आपके लिए बेटी पर कविता। Hindi poem on daughters। Beti par Kavita लेकर आए है। आप सभी जानते हो बेटियां हमारे घर की लक्ष्मी होती है। उनके होने से घर मै खुशहाली होती है।एक बेटी के बहुत रूप होते है वो घर की बहू, मां, पत्नी सब किरदार को बहुत अच्छे से निभाती है। पर आज के समाज मै उसे कमजोर बताया जाता है और उस पर अत्याचार किए जाते है इन कविताओं को पढ़ने से आपको बेटी के महत्व के बारे मै पता चलेगा। तो बिना किसी देरी के आज की पोस्ट को शुरू करते है आशा करता हूं ये कविताएं आपको पसंद आएंगी।
बेटी पर कविता। Hindi poem on daughters। Beti par Kavita
1. बेटी पर कविता- घर की लक्ष्मी होती है बेटियां
घर की लक्ष्मी होती है बेटियां
फूल सी नाजुक होती है बेटियां
सबका ख्याल रखती है घर में
ईश्वर का अवतार होती है बेटियां
कभी किसी घर की बहू
तो कभी किसी की पत्नी होती है बेटियां
हर घर को संवार देती है
कुदरत का आशीर्वाद होती है बेटियां
हम कुछ नहीं दे पाते उनको
पर ईश्वर का वरदान होती है बेटियां
हर घर को अपना बना लेती है
मायके के लिए पराई होती है बेटियां
जिंदगी अपने हिसाब से जी नहीं सकती
फिर भी हर धर्म निभाती है बेटियां
घर की इज्जत के खातिर
बलि चढ़ जाती है बेटियां
घर की लक्ष्मी होती है
फिर भी मारी जाती है बेटियां
कभी दहेज के लिए तो कभी
झूठी शान के लिए जलाई जाती है बेटियां
फिर भी हर तकलीफ सहकर
आसमान में चमकती है बेटियां
घर की जान पर परिवार को
सम्मान होती है बेटियां!!
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2. बेटियों पर हिंदी कविताएं- घर की दुलारी बेटियां
घर की राज दुलारी होती है बेटियां
जिनसे घर रहता है आबाद
वो खुशियों की चाबी होती है बेटियां
कभी मां की परछाई
कभी पापा की परी होती है बेटियां
हर ग़म सहकर भी
फूलो की तरह महकती है बेटियां
घर का नाम रोशन कर
पापा की इज्जत रखती है बेटियां
कोई उनका साथ नहीं देता
खुद अपना इतिहास लिखती है बेटियां
कुछ लोग मानते है उनको अशुभ
पर घर की जान होती है बेटियां
बेटियों से होता है घर अंगना सुखी
वो घर का रोशन चांद होती है बेटियां
हर जगह अपना नाम करती है
फूलो की तरह महकती है बेटियां
कोई नहीं होता साथ उनके
अपना रास्ता खुद बनाती है बेटियां
घर के लिए सब कुछ
हंसते हंसते सह जाती है बेटियां!!
3. Hindi poem on daughters day- हमे भी जीने दो
हमे भी जीने का अधिकार दो
दुनिया में आने का आशीर्वाद दो
क्यों मारते हो हमे भूर्ण मै
हमको भी जीने का अधिकार दो
हमे भी जिंदगी को खुलकर जीना है
हमे भी अपना नाम रोशन करना है
पापा की परी बनकर
पापा के सपने पूरे करना है
कब तक हमे यू ही मारा जाता रहेगा
झूठी मान्यताओं के नाम पर
बलि चढ़ाया जाता रहेगा
हमे भी जीने का अधिकार दो
दुनिया मै आने का आशीर्वाद दो
हम भी लड़को के कदम से कदम
मिलाकर चल सकती है
हमे भी उनके जैसा आधिकार दो
बेटी है तो क्या हुआ
हमे भी जीने का अधिकार दो
दुनिया में आने का आशीर्वाद दो!!
4. Hindi poem on daughters- बेटो से कम नहीं होती बेटियां
बेटो से कम नहीं होती बेटियां
घर की लक्ष्मी होती है बेटियां
जो कम कर सकते है बेटे
वो काम भी कर सकती है बेटियां
लोग मानते है उनको अशुभ
पर घर की जान होती है बेटियां
हर जगह अपना नाम करती है
मां बाप का सहारा होती है बेटियां
जिंदगी चलती रहती है नाव की तरह
किनारे लगाने वाली पतवार होती है बेटियां
लोग कहते है उनको घर का चांद
पर सूरज की तरह चमकती है बेटियां
किस्मत वाले होते है जिनके घर होती है बेटियां
घर का मान सम्मान होती है बेटियां
लोग कुछ भी कह ले
पर मां बाप की जान होती है बेटियां!!
5. Beti par Kavita- बेटी समाज की शान
समाज की शान होती है बेटियां
बड़े बड़े पदों पर अफसर होती है बेटियां
लोग समझते है उनको छोटा
पर आसमान की तरह ऊंची होती है बेटियां
कभी मां पापा का से झुकने नहीं देती बेटियां
जो लोग कहते है उनको कलंक
ऐसे लोगो का जवाब होती है बेटियां
मायके से बंधी डोर
पर ससुराल की इज्जत होती है बेटियां
अपने साथ तीन घरों को संवार देती है बेटियां
लोगो के सवालों को जवाब होती है बेटियां
जहां साथ नहीं देते लड़के भी
वहां मां बाप के साथ खड़ी होती है बेटियां
बेटे चले जाते है घर छोड़कर
तब भी साथ निभाती है बेटियां
बेटों से कम नहीं होती बेटियां
जो लोग कहते है उनको बुरा
उनके मुंह पर तमाचा होती है बेटियां!!
6. daughters poem in Hindi- बेटी का रिश्ता
घर से बेटी का रिश्ता अलग होता है
कभी वो मायके के चिड़िया
तो कभी किसी घर की बहू होती है
गुड्डे गुड़ियों से खेलने वाली
आज घर की इज्जत होती है
कब हो जाती है बड़ी पता नहीं चलता
घर का सम्मान होती है बेटियां
जिस दिन हो जाती है शादी
किसी ओर की अमानत होती है बेटियां
घर से दूर रहकर भी हर रिश्ता
बखूबी निभाती है बेटियां
बेटे तो घर के चांद होते है
पर घर का अटूट स्तमभ होती है बेटियां
जिंदगी के हर सफर में साथ निभाती है बेटियां
पापा के लिए तो वरदान होती है बेटियां
घर का सम्मान होती है बेटियां
एक मां का अभिमान होती है बेटियां
हर ग़म को चुपचाप सह जाती है
वो घर की इज्जत होती है बेटियां
कभी कभी तो इन्सान नहीं
कुदरत का वरदान होती है बेटियां!!
7. Hindi poem on Beti- बेटी की विदाई पर कविता
कभी बड़ी हो गई मेरी लाडो पता ही नहीं चला
उसकी विदाई का हमे पता ही नहीं चला
अब शादी कर दी उसकी
वो कब पराई हो गई पता ही नहीं चला
कब किसी दूसरे घर की अमानत हो गई
पता ही नहीं चला
कब छोटी से बड़ी हो गई पता ही नहीं चला
कब शादी लायक हो गई पता ही नहीं चला
अब उसको दो घरों को संभालना है
रिश्तों की अमानत बचाए रखना है
इस घर से पराई हो चुकी है वो
उसे अब उस घर को अपनाना है
शादी हो गई उसकी अब उसे ज़िम्मेदारी निभानी है
एक अच्छी बेटी तो बन गई वो
अब उसे एक अच्छी बहू की ज़िम्मेदारी निभानी है
हर ग़म सहेगी अब वो चुपचाप
उसे उस घर की इज्जत बचानी है
आज विदाई कर दी गई उसकी मायके से
अब उसे जिंदगी के सफर में आगे बढ़ जाना है
जहां कोई नहीं था उसका
अब उसे दो घरों का रिश्ता निभाना है!!
8. Beti par hindi Kavita- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी को सम्मान दो उसको भी अधिकार दो
बहुत नारे लगा लिए अब उसको भी पढ़ने को अधिकार दो
कब तक सहेगी वो चुपचाप अत्याचार
उसे भी समाज में आगे बढ़ने का अधिकार दो
कानून बहुत बना लिए हमने
अब बेटी को सम्मान दो
वो पढ़ेगी लिखेगी नाम रोशन करेंगी
उसे भी आसमां में ऊंची उड़ान दो
उसे भी समाज में आगे बढ़ने का अधिकार दो
बेटी है इसलिए उसे मत रोको
पढ़ाई छुड़ाकर चूल्हे चौके में मत झोको
बेटी है तो क्या हुआ
तुम उसे आगे बढ़ने से मत रोको
उसका भी मन है अफसर बिटिया बनने का
हर जगह अपना नाम ऊंचा करने का
जिंदगी चल रही है दूसरे लोगों के इशारे पर
वो खुद नहीं जी पा रही है
बेटी है वो इसलिए अत्याचार सहे जा रही है
पर अब बहुत हो गया अब ये नहीं होगा
बेटी पर अत्यचार अब नहीं होगा
वो भी पढ़ेगी लिखेगी आगे बढ़ेगी
उस पर ये दुर्व्यवहार नहीं होगा
बेटी पर अब समाज मै अत्याचार नहीं होगा!!
9. Daughters poem in Hindi- बेटी पर कविता
बेटी के बारे में क्या लिखूं
घर का चांद होती है वो
लोग कहते है उसे लक्ष्मी
भगवान का वरदान होती है वो
हमेशा घर की इज्जत का ख्याल रखती है
अंधेरे में रोशन चिराग होती है वो
मा बाप का नाम करती है रोशन
किसी दूसरे घर का सहारा होती है वो
जिंदगी से कभी दूर जा नहीं सकते
एक रोशन सितारा होती है वो
जिंदगी के हर कर्तव्य को निभाती है
हर घर का उजाला होती है वो
बेटे साथ छोड़ देते है मां बाप का
पर बुढ़ापे का सहारा हिती है वो
मां बाप जिस पर कर सके गर्व
वो आसमां न का सितारा होती है वो!!
10. बेटी पर हिंदी कविता
हर कलम वहां आकर दम तोड़ देती है
जहां बेटी की इज्जत सरेआम उसका साथ छोड़ देती है
कोई कवि नहीं लिख सकता उसका दर्द
जब उसके चहरे पर एसिड की बोतल फेंक देती है
ऐसे कुत्तों को समाज मै रहने का कोई अधिकार नहीं
दया भाव नहीं जिनके मन में वो इन्सान नहीं
कभी तक सहेगी एक बेटी इन सबका का दर्द
क्या वो इन्सान नहीं
क्या कसूर है उसका वो एक बेटी है
क्या पाप किया है उसने यही की वो एक बेटी है
पर वो 10 बेटों से भी बढ़कर होती है
एक बेटी इन समाज की अमल्यू धरोहर होती है
पता नहीं ये पाप कब रुक पाएगा
कब बेटी का सम्मान से
जीन को अधिकार मिल पाएगा
कब बनेगी ऐसी सुरक्षित सड़क
जहां वो गंदा खेल नहीं खेला जाएगा
कब बेटी को समानता का अधीकार मिल पाएगा
11. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर कविता
कब तक नारे लगवाते रह जाएंगे
कब तक हम बेटियो को नहीं पढ़ाएंगे
कब देंगे उनको जीने का अधिकार
जब हम उन्हे सम्मान दिला पाएंगे
कब बंद होगी भ्रूण हत्या
कब हम उनको जिंदगी से मिलवा पाएंगे
कब हम उनके जीन का अधिकार
उनको दिलवा पाएंगे
कब आयेंगे वो दिन जब हर लड़की को
शिक्षित कर पाएंगे
हम कब उनको जीने का अधिकार दे पाएंगे
कब पढ़ेगी वो कब आगे बढ़ेगी
कब हम उसे बेटी का दर्जा दिला पाएंगे
पर एक दिन वो भी आएगा
जब हर बेटी को शिक्षा का
अधिकार दिया जाएगा
वो भी उड़ेगी अपने होंसला से
उसे जीने का सम्मान दिया जाएगा!!
12. बेटी पर कविता
अब कुछ करने की बारी आई है
बेटी को सम्मान दिलाने की बारी आई है
लोग तो कहते रहते है कुछ भी
पर बेटी आज हर जगह छाई है
हर जगह किया है उसने नाम रोशन
हर पद पर गरिमा बनाई है
आज बेटी ने सभी जगह
अपनी अलग पहचान बनाई है
जिंदगी को एक नया नाम दिया
बेटी ने सबको समान अधिकार दिया
लड़को से आगे बढ़कर
उसने अपना जग मै नाम रोशन किया
जिंदगी का सफर सुहाना लगता है
बेटी से घर परिवार भरा पूरा लगता है
घर की लक्ष्मी है वो
उससे घर आबाद लगता है!!
13. Hindi poems on daughters
जब वो बड़ी हो जाती है
एक घर से दूसरे घर जाती है
सबका सम्मान करती है वो
अपनों का अभिमान कहलाती है
सब कह देते है उसको कमजोर
फिर भी वो आगे बढ़कर दिखाती है
हर क्षेत्र में अपना नाम कमाती है
पायलट बनकर प्लेन उड़ाती है
बेटी बेटों का हर काम कर दिखाती है
वो कमजोर नहीं ये सबको बतलाती है
एक नई आशा नई उमंग जगाती है
बेटी है तो क्या हुआ
वो बेटों से आगे बढ़कर दिखाती है
तरक्की की ऊंची उड़ान भरकर दिखाती है
वो बेटी है ये गर्व से सबको बताती है
माता पिता का नाम रोशन कर
सीमा पर तिरंगा भी फहराती है!!
14. Hindi poem on beti ek vardaan
बेटी हूं मै बाबा मुझे भी जीने दो
ये दुनिया रंग बिरंगा संसार देखने दो
मै खेलना चाहती हूं मां की गोद में
मुझे भी मां के आंचल का दूध पीने दो,
मै भी पढ़ना चाहती हूं बाबा
मुझे भी स्कूल जाने दो,
कभी नहीं करूंगी आपको तंग
मुझे भी इस दुनिया मै आने दो,
बाबा मुझे भी ये दुनिया देखने दो,
मै भी खेलना चाहती हूं बाबा,
मुझे भी फुलो की तरह महकने दो,
मै भी उड़ना चाहती हूं बाबा,
मुझे तितली की तरह उड़ने दो!!
By Divesh Biloniya
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Final words:
आपको ये बेटी पर कविता। Hindi poem on daughters। Beti par Kavita कैसे लगी हम कॉमेंट करके जरुर बताए और इसे अपने दोस्तो ओर परिवार के साथ जरुर शेयर करे फिर मिलते है आपसे एक नई कविता के साथ, ये सारी कविताएं स्वरचित है अन्य ब्लॉग द्वार कॉपी करने पर हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद!
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