मकर संक्रान्ति पर कविता। Makar Sankranti poem in hindi

मकर संक्रान्ति पर कविता। Makar Sankranti poem in hindi:

हेल्लो दोस्तो स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर आज मै आपके साथ मकर संक्रांति पर कविता शेयर करने वाला हूं जिसको पढ़कर आपको बहुत अच्छा लगेगा
जैसा कि आप सब जानते हो मकर संक्रांति हर वर्ष 14 जनवरी को मनाई जाती है और ये दिन बहुत ही खुशहाल दिन होता है बहन बेटियां अपने मायके मै जाती है और बच्चे पतंग उड़ाया करते है। तो बिना किसी देरी के पोस्ट कि शुरवात करते है।।

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मकर संक्रान्ति पर कविता। Makar Sankranti poem in hindi:

मकर संक्रांति पर कविता। Makar Sankranti poem in hindi।

Overview:

  • मकर संक्रान्ति पर हिंदी कविता
  • मकर संक्रान्ति पर पतंग पर कविता
  • मकर संक्रान्ति पर कविताएं
  • मकर संक्रान्ति पर कविता

1. मकर संक्रांति पर हिंदी कविता
Hindi poem on makar Sankranti

आज का दिन आया है बड़े दिनों बाद आया है,
ये सारी खुशियां लेकर आज हजारे आंगन आया है
सब तरफ हर्ष उल्लास है आज,
सबके मन मै छाया है,
देखो आज मकर संक्रान्ति का दिन आया है,
बच्चो आज पतंग उड़ाएंगे,
बड़े भी मकर संक्रान्ति मनाएंगे,
सब आज बहुत खुश है,
अपने घर को जाएंगे,
मिठाई बटेगी हर जगह,
बुआ फूफा घर आएंगे,
सबके करेंगे मस्ती मिलकर,
मकर संक्रान्ति मनाएंगे,
आओ हम सब मिलकर,
आज खुशी के गीत गाएंगे,
हम सब मिलकर आज मकर संक्रान्ति मनाएंगे।।


2. मकर संक्रांति पर पतंग पर कविता
Hindi poem on makar Sankranti

आज आसमान नहीं दिखेगा,
कोई भी पंछी नहीं दिखेगा,
आज उड़ रही है नभ मै पतंग,
कोई परिंदा आज नहीं दिखेगा,
थोड़ा तुम संभाल कर उड़ाना,
मंजे को धीरे से चलाना,
बहुत से पंछी उड़ते है आसमान मै,
तुम सब उनकी जान बचाना,
पंछी है हम सबके प्यारे,
तुम उनकी जान बचाना,
बच्चो तुम्हारा फर्ज बनता है,
तुम मकर संक्रान्ति मनाना,
पर तुम कभी भी किसी की,
जान से मत खेल जाना,
बच्चो इस संक्रान्ति पर,
तुम पंछियों को बचाना,
सबके जीवन कि रक्षा करना,
तुम तभी महान कहलाना।।


3. Hindi poem makar Sankranti
   मकर संक्रान्ति पर हिंदी कविता

आज सूर्य देव आए है, नया सवेरा लाए है,
आज मकर संक्रान्ति है, ये संदेशा लाए है,
हर तरफ है नया उजाला, पंछी भी मुस्काए है,
सब लोग मिलकर आज, खुशी के गीत गाए है,
देखो आज सूरज देवता , कितनी जल्दी आए है,
सब लोग मिलकर पूजा करेंगे, इनका सबक सम्मान करेंगे,
आज ये मकर राशि से उत्तरायण में प्रवेश करेंगे,
आज खुशी का दिन होगा, हर तरह उत्सव करेंगे,
आज सब लोग मिलकर, सक्रांति कि पूजा करेंगे,
कुछ लोग है यहां पर कुछ लोग बाहर मिलेंगे,
सबके गले लगकर बधाई देंगे, सब सक्रांति की मिठाई देंगे,
बच्चे जाएंगे नानी के घर, मामा के गोद में खेलंगे,
आज आयी है मकर संक्रांति, सब खुशी से झुमंगे,
आज हम सब गले मिलकर , नए जीवन का संदेश देंगे,
हम आज मकर संक्रान्ति पर एक अच्छा संदेश देंगे।।


4. मकर संक्रान्ति के महत्व पर कविता
Hindi poem on makar Sankranti

मकर संक्रान्ति का महत्त्व भारत में बहुत ज्यादा होता है,
ये भारत का उत्सव मान प्रतिष्ठा होता है,
हर वर्ष मनाया जाता है 14 जनवरी को,
ये हम हिन्दुओं को त्यौहार होता है,
मकर संक्रान्ति का पर्व अनोखा होता है,
सब मिल जाते है गले एक दूसरे से,
खुशियों का आलम होता है,
मकर संक्रान्ति का पर्व हमेशा सुखदायक होता है,
हर वर्ष आता है ये खुशियां बनकर,
नभ अम्बर मै सूरज बनकर,
चारो ओर पंछी बोले, मधुर वाणी मै कोयल बनकर,
बच्चे खेले गिल्ली डंडा , मोज करेंगे सब जमकर,
खाएंगे पियंगे ऐश करेंगे बच्चे आज पतंग उड़ाकर,
बच्चो के संग बड़े भी बच्चे बन जाएंगे,
मकर संक्रान्ति का पर्व धूमधाम से मनाएंगे,
कोई हो या ना हो पास हमारे,
हम मामा के घर जाएंगे,
उनके पास हलाव पूरी भी खाएंगे, 
हम सब मिलकर आज मकर संक्रान्ति मनायाएंगे।।


5. Best poem on makar Sankranti

आज दिन कुछ खास लग रहा है,
हर दिन से अलग लग रहा है,
कुछ तो है आज के मोसम है,
आज ये आसमान अलग रहा है,
हा याद आया, आज तो सक्रांति है,
इसलिए ये उत्सव अलग रहा है,
आज मौसम कुछ अलग लग रहा है,
सूर्य भी चढ़ गया है सर पर,
थोड़ा ठंड का मौसम लग रहा है,
आज मकर संक्रान्ति का दिन लग रहा है,
सब बच्चे बाहर निकाल आए है घर से,
आज सब कुछ अलग रहा है,
आज मकर संक्रान्ति का दिन अलग रहा है,
प्रकृति बैठी है ओस के चादर ओढ़ कर,
आज खेत खलिहान भी हर भरा लग रहा है,
हा आज मकर संक्रान्ति का मौसम लग रहा है,
आज कुछ अलग रहा है,
हमने सोचा था नया साल आएगा,
पर ये खुशी का पर्व पुराना लग रहा है,
आज मकर संक्रान्ति का मौसम लग रहा है,।।


6. मकर संक्रान्ति पर कविता

कुछ दिन कुछ साल बीत जाएंगे,
पर ये पर्व तो हर वर्ष आएंगे,
हमारी संस्कृति का हिस्सा है ये,
हम हर साल मकर संक्रान्ति मनाएंगे,
हमने किया है जो वादा,
वो सबसे निभाएंगे,
हम इस दिन किसी का दुःख ना पहुंचाएंगे,
आज उड़ रहे है आसमान मै पंछी,
हम उनको अपने कभी मा डोर मै फसाएंगे
एक पतंग के लिए उनकी जान नहीं गवाएंगे
आज तो धरती पर कितनी हरियाली है,
हम उसका लुफ्त उठाएंगे,
खेतो पर जाकर हम सब मकर संक्रान्ति मनाएंगे,
आज है हम कुछ अलग ,
पर कल सब एक हो जाएंगे,
मकर संक्रान्ति पर हम बहन को घर लाएंगे,
ये उत्सव है अनोखा, 
सब धूमधाम से मनाएंगे,
हम आज देखो मकर संक्रान्ति मनाएंगे,
हम तो नहीं है यहां पर हर किसी को
दिल दे जाएंगे, सबक सम्मान करेंगे
बच्चो को सही पाठ पढ़ाएंगे,
बच्चे भी आज सब मिलकर,
मकर संक्रान्ति मनाएंगे।।


7. मकर संक्रान्ति पर कविता

आज सूरज सर पर चढ़ आया है,
पंछी घोस्लो से निकल आया है,
सरसों के पीले फूलों से,
चारो ओर सुंदर मनोरम दृश्य छाया है,
देखो आज मकर संक्रान्ति का पर्व आया है,
सब लोग मिल रहे है एक दूसरे से,
सबके मन मै कभी ना बेर भाव आया है,
आज है भारतीय परम्परा का उत्सव,
हम सबने ये मिलकर मनाया है,
देखो आज मकर संक्रान्ति का उत्सव आया है,
नई उम्मीदो का सवेरा लेकर देखो आज सूरज आया है,
देखो फिर से मकर संक्रान्ति का आज मौसम छाया है,
भारत का आज ये अनोखा पर्व आया है।।

Final words:

आपको ये मकर संक्रान्ति पर कविता कैसे लगी हम कॉमेंट करके जरुर बताए और इसे अपने दोस्तो ओर परिवार के साथ जरुर शेयर करे फिर मिलते है आपसे एक नई कविता के साथ, ये सारी कविताएं स्वरचित है अन्य ब्लॉग द्वार कॉपी करने पर हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद!

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