Prem par kavita। प्रेम पर कविता। प्रेम कविता
प्रेम कविता: हैलो दोस्तों कैसे हो आप लोग आज मैं फिर आप सबके लिए एक इंट्रेस्टिंग पोस्ट Prem par kavita। प्रेम पर कविता। प्रेम कविता, प्रेम पर कविताएं लेकर आता हूं जिन्हें पढ़कर आपको बहुत अच्छा लगेगा
Prem par kavita। प्रेम पर कविता। प्रेम कविता
1. प्रेम कविता
उस पगली लड़की से मिलना अच्छा लगता है
उससे बातें करना अच्छा लगता है,
वह कहती हैं जब मुझे अपना तो अच्छा लगता है
मैं जब कहीं जाता हु वो मेरी फिक्र करे मेरी
अच्छा लगता है
मुझको उससे बातें करना अच्छा लगता है
और उस पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है
उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है!!
जब वह कहती है अपना ध्यान रखो तो अच्छा लगता है उसके मुंह से पागल सुनना भी अच्छा लगता है
उस पर बार-बार हक जताना भी प्यारा लगता है
उससे प्यार करना भी सुहाना लगता है
जब वह पास होती है मेरे मुझे ये जहां अच्छा लगता है और उस पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है!!
वह दिल में रहती है मेरे उसको जान कहना
भी अच्छा लगता है
उसका बार-बार ख्याल आना
उसका ख्वाबों मै आना अच्छा लगता है
जब वह मुझसे रूठ जाती है तो उसको मनाना
अच्छा लगता है
और उस पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है
कुछ बातें वो मुझे सुनाती है कुछ बातें मुझे उसकी सुनना अच्छा लगता है
जब वो मुझे चिढ़ाती है उसका गुस्सा भी प्यारा लगता है उसका मनाना उसका हंसना अच्छा लगता है
और उस पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है
बीत जाते हैं दिन और रात मुझे कहां ख्याल रहता है
उसका हर वक्त इंतजार करना अच्छा लगता है
मैं प्यार करता हूं उससे और बेशुमार करना
अच्छा लगता है
और उस पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है
रातों में बैठे रहते हैं उसके लिए
दुआ करना अच्छा लगता है
खुद से ज्यादा उसका ख्याल रखना अच्छा लगता है
उसको कुछ होता है तो दिल मेरा दुखता है
और उस पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है
और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है
~Divesh~
2. प्रेम पर कविता
खूबसूरत सी यादों का तोहफा हो तुम
थोड़ी शैतान थोड़ी पागल पर लाजवाब हो तुम
लड़ लेती हो गुस्सा करती हो
पर दिल की बहुत अच्छी हो तुम
डरती नही किसी से बहुत बहादुर हो तुम
थोड़ी सी नादान पर बहुत प्यारी हो तुम
जिनको नही मिलता ख्वाब मैं भी कोई ऐसा
वो किस्मत का अनोखा तारा हो तुम
सब कुछ मिल जाए तुम्हे जिंदगी मैं
आसमां से भी ऊंची उड़ान हो तुम
मिलकर भी जो ना मिले किसी को
वो लाजवाब ख्याल हो तुम
जन्मदिन पर सारी खुशियां मिल जाए तुम्हे
जिनकी हकदार हो तुम
प्रेम कविता: मैं आशा करता हूं आपको हमारी Prem par kavita। प्रेम पर कविता। प्रेम कविता, प्रेम पर कविताएं जरूर पसंद आई होंग
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