Heart Touching Love Stories In Hindi| हार्ट टचिंग लव स्टोरीज इन हिंदी
Heart touching love stories in hindi:
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अब आगे...
सभी लोग अब तक उठ चुके थे और शादी की तैयारियो मै लग गए थे किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि आखिर ये हुआ क्या पर अब सोचने का कोई फायदा नहीं था शादी की रस्में भी मात्र एक झूठा दिखावा था पर क्या करे आखिर शादी करवानी थी तो ठाकुर को ये सब करना ही पड़ा।।
अनामिका उठ कर बाहर जाती है और खुली आसमान में हाथ फैलाकर उपर देखती है पर पता नहीं क्यों वो आज सांस भी नहीं ले पा रहा थी आज वो से रिश्ते में बंधने जा रही थी जिसकी उम्मीद उसने कभी नहीं कि थी।।
धीरे धीरे सब मेहमान आने लगे और शादी की रस्में शुरू हो गई क्युकी शाम को शादी थी जो आज ही सब कुछ करना था इसलिए सबको हुकुम था कि सब जल्दी जल्दी काम करे
तभी एक एक नौकर आकर ठाकुर को कहता है कि हो सकता है आज पास के गांव वाले हम पर हमला कर दे क्युकी मैने सुना है वो अपने सब लोगो को इक्कठा कर रहे है। ठाकुर ये बात सुनकर सब समझ जाता है कि आखिर उन्हें कुछ पता चल गया है
तभी जय सिंह ठाकुर सभी लोगो को बुलवा लेता है और कहता है आज हवेली मै पहरा बढ़ा देना याद रहे कोई भी अंदर ना आए सब लोग उनकी हां मै हां मिला देते है।।
अभी तक किसी को कुछ पता नहीं चल रहा था कि क्या हो रहा है सब बस अपने बारे मै सोच रहे थे जैसे कि अनामिका की किसी को फिक्र ही नहीं है।।
खेर अब शाम का वक्त हो गया था और सारी तैयारियां हो चुकी
तभी कुछ लड़कियां अनामिका के पास आती है और कहती है हमें हुकुम ने बेझा है आपको तेयार करना है
अनामिका:: उनको कह दीजिए हम खुद आ जाएंगे और तुम जाओ यहां से हमें किसी की जरुरत नहीं है
तभी वो लड़कियां तो वहां से चली जाती है पर दीपिका और पुष्पा वहां आ जाती है
दीपिका:: तू अब भी मना कर सकती है चली जा यहां से वो लड़का तेरे लायक है है नहीं पूरा गुंडा है वो लड़कियों को कुछ नहीं समझता उसकी करतूत तो सारा गांव जानता है फिर क्यों तेरे पापा जिद पर अडे है।।
अनामिका:: मैने कितनी बार कहा है मुझे कुछ नहीं कहना है तुम सब जाओ यहां से और अनामिका वहां रखा आइना गुस्से में फेंकती है और वो टूट जाता है
पुष्पा:: यार इतना गुस्सा क्यू कर रही है अब भी कुछ हो सकता है ना
अनामिका:: अब कुछ नहीं हो सकता तुम दोनों जाओ यहां से मुझे रेडी होना है
अनामिका जैसे तेसे अपने आंसुओ को छुपाने की कोशिश कर रही थी ताकि किसी को पता नहीं चले पर उसके दिल की हालत कोई नहीं समझ सकता था वो चाहकर भी रो नहीं सकती थी क्युकी उसे दिखावा करने का शौक नहीं था।।
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अथर्व का घर:
अथर्व नील को बुलाता है और कहता है मूहर्त याद है ना कब का है एक हम जाए और वहां स्वाहा स्वाह हो जाए
नील:: सब कुछ याद है सर बस आपके ऑर्डर की देर है अब तो
अथर्व:: हा आज बहुत से हिसाब चुकाने है सबके खेर तुम बाहर जाओ मै आता हूं सबको कहना वो वहां पहुंच जाए मै सीधा आ जाऊंगा
तभी अर्णव वहां आता है और कहता है भाई कही जंग लड़ने जा रहा है क्या मुझे तो खून खराबे से डर लगता है मै नहीं जाऊंगा देख तो अथर्व उससे कहता है तुझे ले भी कोन जा रहा है
ये कहकर अथर्व तेयार होने चला जाता है उधर शादी की रस्में शुरू हो चुकी थी अनामिका को कुछ समझ नहीं आ रहा था वो इसे अपनी किस्मत मान बैठी थी
मंडप सज चुका था दुल्हन तेयार थी बारात दरवाजे पर खड़ी थी चारों ओर पहरा था और गाव मै बहुत ही ज्यादा खुशी थी कि आज अनामिका की शादी है वो भी मंत्री के बेटे से पर असल में आज हवेली से डोली नहीं अर्थी उठने वाली थी अनामिका जिंदा तो रहती इस शादी के बाद पर शरीर से जिंदा होना कोई जीना नहीं होता है।।
तभी ठाकुर के पास एक आदमी आता है और कहता है ठाकुर साहब बहुत गजब होने वाला है आज खबर तो ऐसी ही मिली है तो जयसिंह उसे हुकुम देते है की अगर कोई भी सामने आए तो उसे गोली से उड़ा देना पर ये शादी नहीं रुकनी चाहिए और वो आदमी वहां से चुपचाप चला जाता है मानो आज ऐसा लग रहा था जैसे अनामिका का कोई है ही नहीं वो इन सबके बीच अकेली है।।
खेर अब समय हो चुका था और पंडित जी अम्मा जी को कहते है कि दुल्हन को बुलाया जाए समझ किसी को भी नहीं आ रहा था कि आखिर इतनी जल्दी क्या है पर ये सिर्फ एक राज था जो कोई नहीं जानता था
पवन (मंत्री के बेटे का नाम) आखिर अब मंडप मै बैठा था और वो अनामिका का इंतजार कर रहा था इतने में अनामिका भी आ जाती है उसके उदास चहरे पर वो शादी का जोड़ा कमाल लग रहा था वो आज भी उतनी ही खूबसूरत लग रही थी जितनी हमेशा लगती थी पर वो आज खुश नहीं थी उसके चहरे पर वो खुशी नहीं थी
अनामिका उपर से नीचे आती है और अम्मा जी इसे ले जाकर पवन के पास बिठा देती है और जयसिंह पंडित जी को कहता है कि शादी की रस्में शुरू करे
पंडित मंत्र पढ़ने लगता है और शादी कि विधि शुरू हो जाती है कोई वरमाला नहीं कोई सगाई नहीं क्युकी यह सिर्फ शादी से मतलब था पंडित भी मंत्र पढ़ने लगता है और कहता है वर का हाथ वधू के हाथ मै दीजिए और वो बाकी मंत्र पढ़ने लग जाता है।।
तभी बाहर से गोलियों कि चलने की आवाज आती है जयसिंह अपने लोगो को कहता है जो भी आए उसे मार दो पर ये शादी नहीं रुकनी चाहिए पवन पंडित को कहता है पंडित तू फेरे शुरू कर दे बाकी मंत्र बाद मै पढ़ लेना
बाहर गोलियों का शोर शराबा हो रहा था पंडित फेरे के लिए अनामिका को खड़ा कर देता है और पवन अनामिका का हाथ पकड़ने लगता है तभी एक दनदनाती हुई गोली आकर पवन के हाथ मै लगती है अनामिका सामने देखती है तो उसके सामने
अथर्व हाथ मै गन लेकर खड़ा था
जो भी अथर्व के सामने आ रहा था वो उसे गोली से उड़ा देता और अनामिका बस उसे देख रही थी सभी लोगो को लग रहा था कि पास में गाव वालो ने बदला लेने के लिए हमला किया है तभी अथर्व को एक गोली उसके कंधे मै आकर लगती है और उसके हाथ से गन गिर जाती है कर सभी लोग उसे घेर लेते है।।
जयसिंह उसके पास आता है कर कहता है जानता हूं मै राणा जी का खून है अपनी दुश्मनी जर्यर निभाएगा पर यहां आकर तूने अच्छा नहीं किया तेरे बाप के साथ अब तू भी मरेगा और जयसिंह उसे मारने का हुकुम दे देता है
तभी अचानक पीछे से बहुत सारे लोग आ जाए है और दनादन फायरिंग शुरू हो जाती है अथर्व अकेला नहीं आया था उसके साथ पूरी पुलिस फोर्स आई थी देखते है देखते सब ढेर हो जाए है अथर्व अपने हाथ मै वापस गन लेता है और मंडप की तरफ जाता है उसके पीछे नील के साथ करीब बीस पुलिसवाले थे
अथर्व मंडप मै जाता है और पवन को एक थाप्पड मारकर उसे लात मारता है वो नीचे गिर जाता है तभी मंत्री जी वहां आते है और कहते है तेरे हिम्मत कैसे हुई मेरे बेटे को हाथ लगाने की माना की राणा जी का बेटा है पर तू होता कोन है
अथर्व मंत्री के सर पर गन रखकर कहता है मै तुम सबका बाप एसीपी अथर्व राणे अब समझ आ गया कोन हूं मै तुम्हारा बाप हूं मै और तुम सब अब जेल में जाओगे
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तभी मंत्री कहता है ये मत भूलो एसीपी मै तुम्हारी वर्दी अभी उतरवा सकता हूं,,तो अथर्व उससे कहता है तू भी ये मत भूल मत्री के मै एसीपी के साथ कौन हू मेरे एक इशारे पर तेरी सत्ता और तू जमीन पर आ जाएगा
तभी जयसिंह वहां आते है और कहता है आखिर हमारा कसूर क्या है एसीपी साहब जो आप यहां आए ही तभी अथर्व नील को कहता है ऑफिसर जरा ठाकुर साहब को उनका कसूर तो बताओ ,,,जी सर अभी बता देते है
ठाकुर साहब आपने ऑन ड्यूटी एसीपी साहब के उपर गोली चलवाई के एक लड़की कि जबरन शादी करवा रहे हो ये आप पर आरोप है
तभी जय सिंह ठाकुर हंसने लगता है और कहता है साबित कैसे करोगे एसीपी और अथर्व को गुस्सा आ जाता है और एक जयसिंह को एक थप्पड़ मार देता है तभी कुछ लोग अथर्व की तरफ बढ़ते है पर पुलिस फोर्स उन्हें वहीं रोक लेती है
तुम्हे शर्म नहीं आती ठाकुर अपनी बेटी की शादी ऐसे लड़के से कर रहे हो जो कि एक अपराधी है जिसके उपर रेप का इल्जाम लगा है जब तक इसके शरीर से एक एक बूंद खून की निचोड़ नहीं लूंगा इसे मै छोड़ने वाला हूं
तभी अनामिका वहां आ जाती है और अथर्व का कॉलर पकड़ लेती है तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई हमारे पापा को हाथ लगाने की तुम अपने आप को हीरो समझते हो
तो अथर्व कहता है ओ मैडम हम हीरो समझते नहीं है हम कल भी हीरो थे हम आज भी हीरो है और हमेशा रहगें तो अनामिका कहती है हम जान ले लेंगे आपकी तक अथर्व कहता है हमारा कॉलर छोड़ दीजिए वरना आपको भी जेल जाना होगा तभी अनामिका कहती है जेल जाने दे डरता कोन है
तो अथर्व नील को कहता है मैडम को हतकड़ी लगाओ और हमारी गाड़ी में बिठा दो मंत्री को छोड़ देना बाकी सबको घसीट कर अन्दर डालो जीप मै इन सबकी हेकड़ी तो आज हवालात मै निकलता हूं मै!!
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