Horror Story In Hindi। Real Horror Story In Hindi
Horror stories in Hindi
short horror story: हेलो दोस्तों कैसे हो आप लोग मैं आशा करता हूं कि आप सब ठीक होंगे आज मैं आप सबके ghost story in hindi Horror story in hindi। Real horror story in Hindi लिए एक बहुत ही अच्छी कहानी लेकर आया है जिसमें आपको सस्पेंस भी मिलेगा डर भी मिलेगा प्यार भी मिलेगा और एक ऐसी कहानी जो आपके दिल को छू जाए तो आप बिना किसी देरी के इस काम को पढ़ना शुरू कीजिए और मुझे कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको जो कहानी कैसी लगी और अगर आप ऐसे ही कहानी पढ़ना चाहते हैं तो हमारे ब्लॉक को जरूर सब्सक्राइब करें और इस पर हमेशा आते रहे!!
Horror story in hindi। Real horror story in Hindi
100 साल पहले......
विलाशपुर राज्य की महारानी अवंतिका जंगल मै घूमने को निकली थी उसके साथ उसकी कुछ दासियां भी थी....वैसे तो महारानी को किसी बात की कमी नहीं थी पर वो दुःखी रहती थी ...घूमते घूमते जैसे ही वो घने जंगल में निकल गई तो उसने एक सांप देखा और उसको छूने की खोशिश की सांप ने महारानी को दंश मार दिया और वो बेहोश हो गई।
सभी दासिया भागती हुई महारानी के पास आयी और उनको पास ही बने शिवर मै ले गई...महारानी को सांप का जहर चड़ चुका था उसकी जान धीरे धीरे जा रही थी ...तभी वहां एक सपेरा आता है जो दिखने में एक नौजवान युवक था....और वो अपनी विधा से महारानी को बचा लेता है जैसे ही महारानी को होश आता है वो उस सपेरे को देखती है और कहती है तुमने हमारी जान बचाई है हम आपके ऋणी हो गए!
सपेरा कहता है हमें आपसे अकेले में बात करनी है.. तभी दासी बीच मै बोल जाती है अपनी हद में रहो सपेरा महारानी की जान बचाने की कीमत ये लो और दफा हो जाओ यहां ये अब,,पर महारानी उसकी बात नहीं सुनती और कहती है दासी तुम बाहर जाओ इसने हमारी जान बचाई है जो ये कह रहा है करो ,, दासी बाहर चली जाती है।
दासी के बाहर जाते ही सपेरा कहता है ,, महरानी जी मै दंश को देखकर ही पहचान जाता हूं आपने खुद उस सांप को छूने की कोशिश की थी इसलिए सांप ने आपको दंश मारा है आपने ऐसा क्यों किया किस बात की कमी है आपको जो आप अपनी जान देना चाहती है ,, महारानी ये सब सुनकर सपेरे की ओर प्रेम भाव से देखती है और सपेरा भी अपना हाथ महारानी के हाथ में रख देता है ,, और दोनों गले लग जाते है और वो रात दोनों साथ ही गुजारते है।
जैसे ही ये बात राजा को पता लगती है वो सपेरा और महारानी को पकड़ लेता है,, सपेरा के दोनों हाथ काट दिए जाते है और महारानी को भी मौत के घाट उतार दिया जाता है इस तरह से दोनों की मौत हो जाती है,, चुकीं महारानी शादी - शुदा थी इसलिए उनका प्रेम पवित्र नहीं था,,और वो दोनों प्रेत योनि में चले जाते है!
100 साल बाद....
Horror story in hindi। Real horror story in Hindi
जिस जगह दोनों की मौत हुई थी जंगल मै वहां अब एक होटल बन चुका था जिसका नाम था हनीमून होटल,, जहा लोग हनीमून मनाने के लिए आते है ,, सुनसान जंगल के बीच एक होटल जहां रात मै सिर्फ जानवरो की आवाज आती है ,,और दिन मै सड़के इतनी सुनसान कि परिंदे कि आवाज तक नहीं आती।
और उस होटल का मालिक एक बूढ़ा आदमी जिसकी उम्र 60 के लगभग थी और अभी अभी वहा पर कुछ कपल हनीमून मनाने के लिए आए हुए है।
पर उन सबको पता नहीं था कि उनकी मौत लिखी है यहां पर जैसे ही रात हुई उस होटल में अचानक से खिड़की ओर दरवाज़े हिलने लगे और सामने से एक आदमी आ रहा था जिसके दोनों हाथ कटे थे,, आंखे एकदम काली थी जिनमें कुछ नहीं था और पूरा खून से लथपथ वो उसके मुंह से भी खून टपक रहा था जैसे किसी को इंसान को मारकर खा के आया हो,, थोड़ी देर बाद सब शांत हो जाता है और सब बाहर आते है ,, ( वासु - नंदनी,, प्रकाश - ज्योति,, राज - सिमरन ,, मोहित - अंजलि... ये चार शादी शुदा जोड़े है जो यहां पर हनीमून मनाने आए है ) !
ये सब क्या है मैनेजर ये आवज केसी थी ,, कुछ नहीं सर बस हवा चली होगी,, तभी वासु कहता है अरे डरो मत यार हवा ही चली होगी अब चले जाओ सब अंदर और सब अंदर चले जाते है सबके जाते ही वासु मैनेजर को बोलता है ,, देख अगर यहां किसी को कुछ हुआ ना तुझे छोड़ूंगा नहीं मै अभी तो जा रहे है!
तभी नंदनी कहती है क्यू झगड़ा करते रहते हो तुम ,, नंदनी ये जगह सही नहीं है मैने बाहर खून कि निशान देखे है हम सुबह होते ही ये होटल छोड़ देंगे बस कोई सवाल नही अब!
वासु पर हम जाएंगे कहां इस जंगल में यहां तो कोई दूसरा होटल भी नहीं है,, तो फिर क्या करे ये जगह सही नहीं लग रही ,, तुम्हे तो ऐसा ही लगता है अब सो जाओ सुबह बात करते है!
और वो दोनों सो जाते है ,, दूसरे रूम में राज - और सिमरन दोनों लड़ रहे थे तुम्हारी वजह से आए है हम यहां मै तो आना ही नहीं चाहता था ,, हा सारा दोष मुझे ही दो तुम
राज मन मै सोचता है ( आज की रात तेरी आखरी रात होगी तू मर जाएगी फिर में शीतल से शादी कर लूंगा तुझे इसलिए लाया हूं इस जंगल में ) अरे जानेमन तुम गुस्सा ना करो अब सो जाओ कल करते है ना हम बात।
और वो जैसे ही सो जाती है राज सोचता है इसका काम आज ही तमाम कर देता हूं और वो जैसे ही आगे बढ़ता है उसे ख्याल आता है क्यू ना इसको कल मारू और सारा इल्जाम वासु पर लगा दूंगा और वो ये सोचकर सो जाता है !
पर जैसे ही आधी रात होती है जंगल मै अजीब सी आवाजें आने लगती है ,, क्युकी उन दोनों प्रेत आत्माओं के आने का समय हो चुका था और वो एक हवा के झोंके के साथ होटल मै आ जाती है!
और होटल के अंदर आते ही वो राज और सिमरन के कमरे में जाती है पर अवनतिका बाहर ही रह जाती है और वो सपेरा अंदर जाता है उसकी आंखे बाहर निकली हुई थी और हाथ से खून बह रहा था,, मुंह से खून टपक रहा था पूरा शरीर सड़ चुका था!
और वो अपने नाखून से राज की गर्दन पर खरोचता है जिससे उसके खून आने लग जाता है और सपेरा की आत्मा उसके अंदर चली जाती है जैसे ही सपेरा की आत्मा उसके अन्दर जाती है उसकी आंखे गायब हो चुकी थी और वो एकदम से पलट कर देखता है और उठ जाता है !
और सिमरन को गला दबाकर उसे वहीं मार देता है सपेरा आत्मा अब भी उसके अंदर थी जब तक कि उसको कोई दूसरा शरीर ना मिल जाए!
अवंतिका कहती है ये अपनी पत्नी से प्यार नहीं करता था और ना ही इसकी पत्नी इससे इसलिए दोनों को ही मरना होगा और सपेरा तलवार निकालता है और अपने पेट मै घोप लेता है राज वहीं मर जाता है और सपेरा उसके शरीर से बाहर आ जाता है !
दोनों वहां से अब चले जाते है क्युकी सवेरा होने वाला था,,
जैसे ही सवेरा होता है सब लोग बाहर आते है तो ज्योति के चिल्ल्लने की आवाज आती है तो सब लोग कमरे मै चले जाते है और देखते है दोनों की लाश वहां पड़ी हुई थी और चारो तरफ खून था,,तभी मोहित कहता है ये क्या है मैनेजर पुलिस को बुलाना पड़ेगा खून हो गया पर प्रकाश माना कर देता है कि नहीं नहीं पुलिस को मत बुलाओ ,, तो वासु कहता है क्यों नहीं बुलाए कहीं तूने तो नहीं मारा ना इनको सही बता ,, तुम पागल हो मै क्यों मारने लगा पुलिस आयेगी तो हमपर ही शक करेगी इसलिए ,,
Horror story in hindi। Real horror story in Hindi
वासु कहता है मै तो अभी जा रहा हूं यहां से मै नंदनी के साथ कोई रिस्क नहीं ले सकता हूं और वो नंदनी का हाथ पकड़ता है और कहता है चलो और वो दोनों बाहर चले जाते है और जैसे ही गाड़ी में बैठते है गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होती है ,, ओह शिट आज ही होना है सब अब ये बंद हो गई अब क्या करे हम ,, नंदनी कहती है यही रह जाते है ,, नहीं यहां तो नहीं रह सकते ,, तो कहां जाएंगे ,, तभी एक बाबा वहां आता है और बोलता है सब मरोगे तुम कोई नहीं बचेगा वो सबको मार देगी !
तो नंदनी कहती है क्या हुआ बाबा आप कोन हो और कौन मार देगा हमें ,, वासु कहता है तुम भी कहां इसका यकीन कर रही हो चलो अब कुछ नहीं होगा और वो नंदनी को गले से लगा लेता है ,, वो बाबा उनकी तरफ देखता है और कहता है तुम्हारी ही तालश थी मुझे और वो वहां से गायब हो जाता है !
दोनों को उसकी बात समझ आयी की वो कहना क्या चाहता है और दोनों वापस अंदर चले गए पर सब डरे हुए थे और वहां पर जितने भी शादी शुदा जोड़े थे उनके लिए एक दुसरे के मन में प्रेम नहीं थ वो प्यार नहीं करते थे बस शादी को निभा रहे थे और साथ रहते थे ,, पर वासु और नंदनी दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे!
अगली रात होने ही वाली थी और फिर एक मौत इस बार बारी मोहित और अंजिल की थी अवनतिका आती है उसने एक हरे रंग की साड़ी लाल आंखे ,, बिखरे हुए बाल और हाथ से खून बह रहा था!
जैसे ही मोहित उसे देखता है वो अपनी गन निकाल लेता है पर अवनतिका अंजलि के शरीर में चली जाती है और वो गोली चला देता है और अंजलि की मौत हो जाती है ,, और सपेरा प्रकाश को भी मार देता है जैसे ही आवाज आती है वासु और नंदनी बाहर जाते है!
नंदनी देख ही रही थी कि तभी सपेरा एक कांच का शीशा अंजलि की तरफ फेंककर मारता है,, और जैसे ही वासु नंदिनी को देखता है वो उसे अपनी ओर खीचकर गले से लगा लेता है और शिशा दीवार से टकराकर टूट जाता है और कुछ कांच के टुकड़े वासु के कंधे पर लग जाते है और खून आ जाता है तभी वासु नंदनी को लेकर वहां से जंगल की तरफ भाग जाता है!
और वो बाबा उनको वापस मिल जाता है और कहता है मैने कहा था ना अब मारे जाओगे,, तो नंदनी कहती है बाबा हमें बचा लो ,, नहीं नंदनी हमें यहां से चलना चाहिए ये बाबा कुछ नहीं होता है सब झूठ है ,, पर नंदनी उसकी बात नहीं मानती और वो दोनों बाबा की कुटिया में चले जाते है
वासु और नंदनी बाबा की कुटिया मै चले जाते है,, मुझे तुम दोनों की कब से तालश थी ,, बाबा तुम्हे हमारी तालश क्यों थी पर ,, क्युकी मुझे तुम्हारे जैसा प्रेमी जोड़े की खोज थी जो एक दूसरे से बहुत प्रेम करते हो क्युकी तुम दोनों ही हो जो उन प्रेत आत्माओं का खात्मा कर सकते है!
पर हम कैसे कर सकते है ,, उसके लिए हमें एक पूजा करनी होगी और तुम दोनों उस पूजा में बैठोगे,, मुझे कोई पूजा नहीं करनी नंदनी तुम चलो यहां से ,, नहीं वासु हमें ये पूजा करनी चाहिए तुम समझ नहीं रहे हो हमें भी मार देंगे ,, तुम्हे कुछ नहीं होगा मै कह रहा ना,, अच्छा मेरे लिए मान जाओ ,, ओक बाबा ठीक है हम पूजा करने के लिए तैयार है !
तो उसके लिए हम जंगल के बीच में जाना होगा एक गुफा में ,, हा तो चलो अब वैट क्यू कर रहे हो और वो तीनो गुफा की तरफ चल पड़ते है !
उधर प्रकाश और ज्योति को सपेरे ने मार डाला था और वो दोनों अब आजाद थे,, तभी अवंतिका कहती है बाबा उन दोनों को जंगल वाली गुफा मै ले गया है वासु और नंदनी की जान खतरे में है हमें उनको बचाना होगा,, तुम चिंता ना करो अवनतिका वो दोनो एक दूसरे से सच्चा प्यार करते है उनको कुछ नहीं होगा !
बाबा उन दोनों को गुफा मै ले गया था जहां जानवरो की सड़न आ रही थी ,, चारो ओर मेरे हुए मुर्दे थे हड्डियां और मांस जिसमें से खून टपक रहा था ,, नंदनी को ये सब देखकर डर लगा और वो वासु के सीने से लग गई ,, अरे ओ बाबा कहां ले जा रहा है हमें तू ,, बस बच्चा हम आ गए और सामने हवन कुंड मै अग्नि जल रही थी और एक तलवार रखी थी सामने!
बाबा सच बता क्यू लाया है हमें तू यहां ,, क्युकी मुझे तुम दोनों की बलि देनी है और शक्तियां प्राप्त करनी है,, पर तुझे हमारी ही बलि क्यू देनी है ,, क्युकी तुम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हो इसलिए और तुम्हरा प्रेम पवित्र है तुम दोनों यहां से अब बचकर नहीं जा सकते!
अबे ओ बाबा तू क्या सोच रहा है तू हमें मार देगा,, और वासु उसकी तरफ बढ़ता है पर बाबा एक मंत्र पड़ता है और उसे पिंजरे मै कैद कर लेता है और नंदनी को बलि देने के लिए ले जाता है पर सपेरा और अवनतिका वहां आ जाते है ,, बाबा छोड़ दे उन दोनों को ,, तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है सपेरा क्युकी तू कमजोर है आत्मा है मुझे नहीं मार सकता!
और बाबा सपेरा और अवनतिका को भी मार देता है तभी वासू को याद आता है कि ये आत्मा खून की प्यासी होती है और वो अपना हाथ पास ही लगीं पिंजरे की कील पर दे मारता है और उसके हाथ से खून कि धारा लग जाती है जैसे ही सपेरे को खून दिखता है वो वासु के अंदर चला जाता है !
अब वो एक इंसान के शरीर में था और पहले से ज्यादा ताकतवर था वो पिंजरे को तोड कर बाहर आ जाता है और अपनी ताकत से से नंदनी को बाबा से बचा लेता है और नंदनी के चोट लग जाती है जिससे उसके हाथ में भी खून आ जाता है और अवंतिका भी उसके अंदर चली जाती है
और वो दोनों मिलकर बाबा को मार देते है और बाबा को हवन कुंड की आग में जला देते है और सपेरा और महारानी दोनों उनके शरीर से बाहर आ जाते है और कहते है आज हम दोनों को तुम्हारी वजह से मुक्ति मिल गई तुम दोनों एक दूसरे से ऐसे ही प्यार करना हम केवल उनकी जान लेते थे जो एक दूसरे से प्यार नहीं करते थे और जबरदस्ती एक रिश्ते में थे और वो दोनों ये कहकर वहा से चले जाते है
वासु नंदनी को गले लगा लेता है और दोनों घर की तरफ चल पड़ते है !
The end
......Divesh🙏
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