Most Romantic Love Story In Hindi। मोस्ट रोमांटिक लव स्टोरी इन हिंदी
Most Romantic love Story in Hindi:
जैसा कि में आपसे कहा था कि में जल्द ही कहानी का दूसरा पार्ट लेकर आऊंगा तो मै आज कहानी का दूसरा Most Romantic love Story in Hindi पार्ट लिख रहा हूं आशा करता हूं ये आपको पसन्द आयेगी जिन्होंने पहला पार्ट नहीं पढ़ा पहले वो इसका पहला पार्ट पढ़ ले फिर इसे पढ़े तभी कहानी उनको समझ आयगी!! पहला भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करे CLICK HERE
Most Romantic love Story in Hindi
अब आगे...
अथर्व वापस उसी जगह जाता है क्युकी उसका लॉकेट गिर गया था वो चारों तरफ अनामिका को देखता है पर उस वो कहीं नहीं दिखती है। अथर्व को लगता है वो शायद अब जा चुकी है और वो भी घर की तरफ निकलने ही वाला होता है।।
तभी अचानक से वहां भगदड़ मच जाती है सब लोग इधर उधर भागते है अथर्व को भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या है तभी उसके दोस्त वहा आते है और कहते है कि यहां आग लग गई है हमें भी अब यहां से निकलना चाहिए
अथर्व का मन भी अब भी कह रहा था कि अनामिका यहीं कहीं है पर वो उसे कहीं भी दिखाई नहीं दे रही थी नील अथर्व से कहता है हुकुम आपको चलना ही होगा यहां से वरना हमारे आदमी आते ही होंगे अगर आप यहां रहे तो लड़ाई भी हो सकती है क्युकी पूरा ठाकुर परिवार यहां आया है शायद उन्होंने ही आग लगाई हो इसलिए हमें यहां से चलना चाहिए।।
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अथर्व को भी नील की बात सही लगी और उसने वहां से निकल जाना ही सही समझा वो अपनी बाइक पर बैठा और स्टार्ट कर जाने लगा पर एक बच्चा अचानक से सामने आ गया तो उसे रुकना पड़ा तभी उसे अनामिका दिखाई देती है आग इतनी बढ़ चुकी थी कि सब अपनी अपनी जान बचाकर भाग रहे थे किसी को किसी की फ़िक्र नहीं थी।।
अथर्व जैसे ही अनामिका को देखता है वो अपनी बाइक को वहीं पटक कर उसे बचाना जाते है अनामिका ने अथर्व को देख लिया था उसकी हालत बेहोशी वाली थी पर उस यकीन था कि अथर्व उसे बचा लेगा पर नील उस रोक लेता है और कहता है बहुत से लोग है यहां उस बचाने के लिए तुम नहीं जाओगे हम तुम्हारी जान खतरे में नहीं डाल सकते है।।
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अथर्व ये सुनते ही वापस मुड जाता है अनामिका भी ये सब सुन लेती है और वो सोचती है कि ये भी सबकी तरह ही निकला अब अनामिका पूरी तरह से बेहोश हो चुकी थी।। अथर्व नील से कहता है यहां सब है पर उसकी हिफाज़त करना मेरा फर्ज है अथर्व मुड़ता है और मेले में एक ठेले पर से कम्बल लाता है।।
और उस जलती हुई आग में अनामिका को बचाने के लिए चला जाता है अनामिका अब बेहोश हो चुकी थी अथर्व जैसे तैसे करके अनामिका को बचा लेता है और उसे गोद में उठाकर बाहर ले आता है। तब तक आग पर भी काबू पाया जा चुका था।।
अथर्व जब अनामिका को बाहर ला रहा था तब ठाकुर भी वहां पहुंच जाते है और अपनी बेटी को दुश्मन कि बाहों में देखकर वो गुस्सा से आग बबूला हो जाते है उन्हें ये भी नहीं दिखाई देता कि
अथर्व की वजह से ही उनकी बेटी की जान बची है। वो गन निकालकर अथर्व की तरफ तान देते है पर नील बीच में आ जाता है।। और कहता है ऐसी गलती मत करना ठाकुर साहब चारो तरफ हमारे आदमी है हुकुम को कुछ हुआ कोई भी जिंदा नहीं बचेगा,।।
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अम्मा जी और कुछ औरतें जाकर अनामिका को अपनी गोद में लेती है अथर्व अब भी खामोश था नील गाड़ी निकालता है और
अथर्व को वहां से ले जाता है।। थोड़ी दूर जाकर अथर्व गाड़ी रोकने को कहता है और नील से पूछता है वो ठीक तो होगी ना यार अथर्व को पहली बार किसी की इतनी फ़िक्र हो रही थी।।
नील कहता है तुझे तो किसी की फ़िक्र नहीं होती थी ना तो अब क्या हुआ आज क्यों उसकी इतनी फ़िक्र कर रहा है तू, अथर्व कहता है पता नहीं यार भगावन बस उसे सही सलामत रखे और वो ठीक हो जाए।। और वो चारो हवेली कि तरफ निकल जाते है।।
ठाकुर और बाकी सब लोग अनामिका के साथ अपनी हवेली जाते है शहर से अब तक डॉक्टर घर आ चुका था और वो आते ही अनामिका को इलाज शुरू कर देता है, सब लोग चिंता में थे कि पता नहीं क्या हुआ होगा तभी डॉक्टर बाहर आता है और कहता है घबराने की कोई बात नहीं है सही टाइम पर उन्हें बचा लिया अच्छा हुआ वो बस बेहोश है उन्हें कुछ देर में होश आ जाएगा ये कहकर डॉक्टर वहा से निकल जाता है।।
अनामिका को कुछ देर में होश आ जाता है पुष्पा उसके पास ही थी और उसके होश आते ही वो कहती है भगवन का लाख लाख शुक्र है तुझे कुछ नहीं हुआ अगर अथर्व तुझे नहीं बचाता तो आज पता नहीं क्या होता।।
तभी अनामिका कहती है नाम मत लो उस डरपोक का मेरे सामने मुझे अकेला छोड़कर भाग गया वो मैने अपने कानो से सुना था,, सही कहते है पापा दुश्मन आखिर दुश्मन ही होता है हो सकता है आग भी उसी ने लगाई हो मैने उसे क्या समझा था वो क्या निकला।।
पुष्पा कहती है शांत हो जा पहले तो उसने ही तेरी जान बचाई है पूरे गांव को पता है तुझे कोई गलतफहमी हुई होगी यार,, अनामिका पुष्पा को डांटते हुए कहती है कि पता नहीं तू क्यों उसकी साइड ले रही मैने खुद सुना उसके दोस्त ने जो कहा था और अब तू यहां से जा मुझे अब कुछ नहीं सुनना है।।
ठाकुर साहब का अथर्व और अनामिका का यू करीब आना उन्हें पहले दिन से अच्छा नहीं लग रहा था आखिर वो इसीलिए आज मेले में गए थे ताकि अनामिका की शादी की बात कर सके।।
ठाकुर साहब कुछ सोच रहे थे तभी अम्मा जी वह आती है और कहती है कि हम ठीक तो कर रहे है ना,, तो ठाकुर साहब कहते है मंत्री जी का बेटा है हमारी बेटी खुश रहेगी वहा और ये शादी कल रात को ही होगी यही हमारा फैसला है ये बात आग कि तरह पूरे गांव में फेल जाती है कि ठाकुर की बेटी की शादी होने वाली है।। और ये खबर अथर्व को भी मिलती है।।
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नील अथर्व को जाकर कहता है कि अनामिका की शादी हो रही वो भी कल
अथर्व:: पर वो ठाकुर की बेटी है इतनी जल्दी शादी कोई रसम नहीं कोई रिवाज नहीं आखिर ऐसा कैसे हो सकता है।।
नील:: और तुम्हे पता है उसकी शादी किस्से हो रही है
अथर्व:: होगा कोई राजकुमार किसी रियासत का
नील:: नहीं उसकी शादी मंत्री के बेटे से हो रही है
अथर्व:: हिम्मत कैसे हुई इन लोगो की उस मंत्री के बेटे से अनामिका की शादी करने की लगता है अब राज से पर्दा उठाने का समय आ गया है कल सबको कह देना तेयार रहे अब हम और किस बात का इंतजार करे आखिर
अनामिका को अब तक पता नहीं था कि उसकी शादी तय हो चुकी है क्युकी उसको कैसे बताए ये बात ठाकुर को समझ ही नहीं आ रही थी पर आखिर उसे बताना तो था ही!! आप आज Most Romantic love Story in Hindi पढ़ रहे है।।
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अब आगे.....
अनामिका अब तक बैठी हुई यही सोच रही थी कि अथर्व ने उसे क्यों नहीं बचाया तभी वो अपने पापा के कमरे की तरफ जाती है,,
ठाकुर":अच्छा हुआ मां जो उस लड़के ने हमारी लड़की को बचा लिया वरना आज पता नहीं वो कैसी होती,,
अम्मा जी" :: ये तो अच्छा ही हुआ जय सिंह की उस अथर्व ने उसे बचा लिया पर उसका हमारी पोती के पास आना हमें रास नहीं आया और इसका हिसाब तो उसे अब अपने खून से ही चुकाना होगा
अनामिका ये सब खड़ी होकर सुन रही थी और वो अचानक दीवार से लग जाती है और गहरी सांस लेती है और सोचती है कि वो कितनी गलत थी तभी वो अपने पापा के कमरे में जाती है,, जय सिंह उसे बैठने के लिए कहते है अनामिका को अभी तक समझ नहीं आ रहा था कि आख़िर ये हो क्या रहा है।
जयसिंह उसके पास जाते है और कहते है कि बेटा कल शाम को तुम्हारी शादी मंत्री जी के बेटे प्रकाश से तय कर दी गई है अनामिका को ये सब सुनकर अपने कानों पर बिलकुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि आखिर ये सब हो क्या रहा है।।
अनामिका:: पापा हमारी मर्जी जाने बिना आपने शादी तय कर दी आखिर ऐसी भी क्या जल्दी थी कि किसी ने हमारी मर्जी पूछना तक जरुरी नहीं समझा
जय सिंह:: बेटा हम क्या करते सब इतनी जल्दी मै हो गया और उन्होंने कहा है की वो शादी कल ही करना चाहते है
अनामिका:: पर मुझे ये शादी नहीं करनी
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अनामिका गुस्से में उठती है और वहां से जाने लगती है तभी अम्मा जी उसका हाथ पकड़ लेती है और कहती है कि अगर तुमने ये शादी नहीं कि तो हम अपनी जान दे देंगे
ये सब सुनने के बाद अनामिका के पास कहने को कुछ नहीं था उसके मन में बहुत सारे सवाल थे की आख़िर कल शादी इतनी जल्दी पर क्यों पर सारे सवालों का जवाब एक ही था कि वो कुछ नहीं कर सकती क्युकी उसकी वजह से किसी कि जान जाए ये उस बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं था।।
अनामिका वहा से निकल जाती है और छत पर चली जाती है रात का वक्त था गाव में चारो ओर रोशनी हो रही थी पर अब जो अंधेरा आने वाला था शायद उसका एहसास किसी को नहीं था आप आज Most Romantic love Story in Hindi पढ़ रहे है
दूसरी तरफ वहीं से 10 km दूर अथर्व और नील भी छत पर खड़े थे अथर्व के हाथ में आज बियर थी और वो बस पिए जा रहा था नील अथर्व को संभालते हुए कहता है आज इतनी पीने की वजह क्या है
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अथर्व:: क्युकी कल जो होने वाला है उसका इंतजार है पर एक बात समझ नहीं आती आखिर ठाकुर अपनी बेटी के साथ ऐसा कर क्यों रहा है अरे इकलौती बेटी है इतनी सुन्दर है और एक दिन मै शादी ना कोई रसम ना कोई रिवाज ऐसी भी कोनसी आफ़त आ पड़ी है इनके उपर
नील :: ये सब मै भी सोच रहा हूं सर पर एक बात थी जो मेने आपको नहीं बताई मुझे लगा वो जरुरी नहीं है
अथर्व:: कितनी बार कहा है हमें सर ना बुलाया करो उसका भी वक्त आयगा बताओ कौनसी बात है
नील:: कल अनामिका 18 साल की होने वाली है 2 बजे के बाद ये में पता लगवाया है
अथर्व:: ये कोई छोटी बात नहीं है पर अच्छा हुआ पता किया अब आयेगा ना मजा भिडू सब लोगो से कह देना तेयार रहे खून खराबा भी हो सकता है पापा को कुछ मत बताना हम खुद उन्हें बता देंगे
नील:: एक बात समझ नहीं आती हुकुम आप उसकी शादी होने से इतने बेचैन क्यों हों आखिर आपको भी पता है उन ठाकुरों ने क्या किया था हमारे गांव वालो के साथ अगर आपके पापा ना होते तो आज इस गांव में कोई नहीं होता
अथर्व:: वो बात बहुत पुरानी हो चुकी है हम उसके बारे में अब नहीं सोचते सबसे पहले क्या नाम बताया था तुम्हे उसका प्रकाश उसके बारे में पता करो कल ये प्रकाश का अंधेरा होने वाला है।।
नील:: हा सब कुछ सुबह तक आपके सामने होगा आप चिंता ना करे
अथर्व नील को सब कुछ सामझकर सोने चला जाता है पर उसका मन नहीं मान रहा था कि जिस लड़की से आज वो मिला कल उसकी शादी हो जाएगी इतनी बेचैनी उसे कभी नहीं हुई जितनी आज हो रही थी और वो ये सब सोचते हुए कब सो गया उस पता ही नहीं चला
अनामिका छत पर खड़ी सोच रही थी कि आखिर अब उसकी शादी हो जाएगी उससे जिसे वो जानती तक नहीं है जिसने उसे देखा तक नहीं है दिल मै दर्द था पर वो इतनी कमजोर नहीं थी कि रोने लग जाए एक बात फिर से गहरी सांस ली और सोने चली गई।।
सुबह की पहली किरण के साथ सब सुबह उठ जाते है अब तक पूरे गांव में पता चल चुका था कि ठाकुर साहब की बेटी की शादी है सब लोग तेयारी में लगे थे चारो तरफ हवेली मै खुशी थी बस अनामिका को छोड़कर
खुसबू अनामिका के पास आती है और उसे जगाती है,,
अनामिका:: तू आज इतनी जल्दी यहां क्यों आईं अपनी शादी का न्योता देने आई है क्या ये कहकर वो हंस ने लग जाती है
खुशबू:: तुझे बिलकुल भी दुःख नहीं है तू खुश हो रही है
अनामिका:: जरुरी नहीं कि हर कोई अपना दुःख दिखा दे कुछ जख्म दिल मै हो तो ही अच्छा लगता है वरना दुनिया सौदा करती है और ये शादी भी आखिर एक सौदा ही तो है मुझे तो लगता ही नहीं कि में इनकी बेटी भी हूं।।
अब उसके पास कहने के लिए कुछ नहीं था वो अनामिका को गले से लगा लेती है और वापस चली जाती है आखिर ये केसी शादी थी जिसमे कुछ नहीं था।। पर कहीं ना कहीं कुछ होने की उम्मीद थी जिसकी तैयारी अथर्व कर चुका था।।
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