Real Horror Story in Hindi। रियल हॉरर स्टोरी इन हिंदी

Real Horror Story in Hindi। रियल हॉरर स्टोरी इन हिंदी

Real Horror Story in Hindi:

आज की कहानी Real Horror Story in Hindi आपको डर की अलग ही दुनिया मै ले जाएगी तो क्या आप तैयार है इस डरावने सफर के लिए ये कहानी का पहला पार्ट है आप दूसरे पार्ट का इंतजार करे और हम कॉमेंट करे!!

Real Horror Story in Hindi। रियल हॉरर स्टोरी इन हिंदी

Real horror story in hindi

Real horror story in hindi

रात का वक्त था करीब 12 बज रहे थे बैंगलोर के पास एक छोटा सा स्टेशन है और मुझे वह से मुंबई के लिए ट्रेन पकड़नी थी बारिश जोर से हो रही थी मुझे आज मुंबई जाना था 3rd क्लास का टिकट लेना चाहता था पर बहुत ज्यादा थक गया था तो सोचा कहां धक्के खाऊंगा और मैने फर्स्ट क्लास का टिकिट ले लिया!!

ट्रेन का इंतजार कर रहा था कि वो कब आयेगी और में वही स्टेशन पर बैठ गया ज्यादा लोग वहां नहीं थे क्युकी 5 बजे शाम होने के बाद वहां कोई नहीं आता था पेड़ के पत्ते बारिश में हिल रहे थे और बिजली जोर से कड़क रही थी मुझे हर किसी ने मना किया में रात को वहा ना जाऊं पर में नहीं माना!!

आखिर मुझे और गाव वाले को जिस बात का डर था वही हुआ एक लड़की अचानक से आती है और मेरे सामने नाचने लग जाती है में थोड़ा डर गया जैसे ही उसके पास गया वहां कोई नहीं था अब मुझे समझ आ रहा था कि सब लोग मुझे मना क्यों कर रहे थे पर आखिर मेरी ज़िद थी !!

मै अब बारिश मै भीग चुका था वो लड़की वह थी या ये मेरा वहम था पता नहीं खेर ट्रेन आ चुकी थी और उस जगह शाम 5 बजे के बाद कोई नहीं उतरता था!!

मै भागा भागा गया और मैने अपना स्लीपर क्लास का डिबा देखा और उसमे चढ़ गया किस्मत मेरे साथ क्या खेल,,खेल रही थी ये मुझे भी नहीं पता था में उस ट्रेन के डिब्बे में चढ़ा तो वहां एक दम घुप अंधेरा था एक बार को मुझे लगा कि इसमें कोई है या नहीं लाइट भी नहीं थी मै वापस उतार भी नहीं सकता था रात के 2 बजे थे लड़की को बाहर देख चुका था ऐसे में मुझे ट्रेन में बैठना ही सही लगा!!

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Real Horror Story in Hindi

पूरा डिब्बा खाली था मेरा डर और बढ़ने लगा पर मैने जैसे तैसे अपनी सीट नंबर देखा और में उस पर जाकर बैठ गया थोड़ा सा डर था पर थोड़ा सुकून भी था कि चलो अब तो ट्रेन में बैठ गए तभी मुझे भूख लगी मैने अपनी मोबाइल की टॉर्च को जलाया तो सामने एक आदमी दिखा मै उसे देखकर एक दम चोंक गया

काला कम्बल ओढ़ कर वो आदमी बैठा था और रात के अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं दिया जैसे ही मैने उसकी तरफ टॉर्च की वो एक दम मेरी तरफ आया उसकी शक्ल ही बहुत ज्यादा भयानक थी और उसने मुझे पकड़ लिया मैने जैसे तैसे उससे पूछा कि भाई कोन हो और ये क्या हरकत है!!

तो जग्गू (उस आदमी का नाम) मेरे से कहता है कि तुम इस स्टेशन से इस ट्रेन में आए हो प्लीज तुम मेरी जान मत लेना तुम शायद वही लड़की हो जो ट्रेन के सामने नाचती है दौड़ती है मुझे मत मारना जग्गू मेरे पांवों में गिर गया।।

मैने उसे उठाया और कहा मेरा नाम आशु है में यही से आया हूं पर में भूत नहीं हूं तुम उठो और पहले बैठो वो जग्गू अपनी सीट पर बैठा और थोड़ा शांत हुआ उसने मुझे कुछ खाने को दिया पर मैने नहीं लिया सफर मै किसी से कुछ खाने के लिए लेना आपके लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है।।

मैने जग्गू से पूछा क्या वो लड़की सच मै यहां आती है वो अपनी काली आंखो से घुरकर मुझे देखा और कहा क्या आपको बताया नहीं यहां किसी ने वो लड़की देखना अभी आयेगी ट्रेन चलेगी वो नाचेगी ट्रेन के साथ दौड़ेगी तुम मुझे खिड़की बंद करने दो और वो हनुमान चालीसा पढ़ने लगा!!

मैने उससे पूछा क्या तुम भूत से डरते हो जग्गू बोला नहीं में इन सब मै मानता नहीं था पर जब से देखा है मेरी बहुत फटती है मुझे भी उसकी बातों पर यकीन होने लगा क्युकी मैने भी वो नजारा देखा था और अब मुझे समझ आया कि वो मेरा वहम बिलकुल भी नहीं था वो सच था इतने में ट्रेन चली पड़ी।।

Real Horror Story in Hindi

जग्गू के साथ इस बार थोड़ा डर मुझे भी लगा उस डिब्बे में कोई नहीं था ट्रेन ने अपनी गति और बढ़ा दी जग्गू कम्बल ओढ़ कर बैठ गया मेरा दिल अभी भी उस बात को मानने के लिए तैयार नहीं था और मैने खिड़की खोलने का फैसला किया जैसे ही मैने खिड़की खोली वही लड़की मुझे भागती हुई दिखाई दी उसने मेरी तरफ देखा पर उसके आंखे नहीं थी वो ट्रेन के साथ दौड़ रही जग्गू ने कम्बल हटाया और बाहर देखा तो वो लड़की ट्रेन की खिड़की की तरफ तेजी से आई जग्गू को लगा कि आज उसकी मौत आ गई पर मैने खिड़की बंद कर दी अब रात के 1 बज चुके थे।।

थोड़ा सा डर अब मुझे भी सता रहा था पर मेरे पास कोई रास्ता नहीं था आखिर मै करता तो क्या करता मैने अपना खाना खाया और सोचा थोड़ी सी नींद निकाल लू पर मुझे पता था नींद आयेगी नहीं ट्रेन के साथ साथ कोई हमारी खिड़की को भी धक्का दे रहा था जग्गू एक दम डर गया था और वो वापस कम्बल ओढ़ कर हनुमान चालीसा पढ़ने लगता है और मुझे कसम देता है कि में खिड़की या दरवाजा ना खोलू अब रात के 1 बज रहे है तभी अचानक से मुझे किसी के आने की आहट सुनाई देती है क्युकी उस डिब्बे में पहले कोई नही था.....!!

अब आगे....

मुझे किसी कि आने की आहट सुनाई देती है पहले उस डिब्बे में कोई नहीं था मुझे भी थोड़ा सा डर लगा पर खेर मैने वहां जाकर देखना ही अच्छा समझ रात के 1 बजे थे बाहर बारिश हो रही थी ट्रेन एक नरबक्षी जंगल से गुजर रही थी।।

बाहर उल्लू और जानवरों की आवाज आ रही थी मै सोच रहा था जाकर देखू या नहीं क्युकी आवाज बहुत ही ज्यादा भयानक थी मैने जग्गू को जगाना चाहा पर वो सब सो चुका था मै जैसे ही आगे बढ़ा तो मुझे अचानक से काला कुत्ता दिखाई दिया जिसकी सिर्फ आंखे ही चमक रही थी मै उसे देखकर डर गया कि आखिर यह कुत्ता आया कहा से मै वापस अपनी सीट की तरफ भागा तभी पीछे से मुझे किसी ने पकड़ लिया।।

पसीने के मारे मेरी पूरी शर्ट भीग गई मै पीछे की तरफ मुड़ा तो एक लड़की और चार लड़के मेरे पीछे खड़े थे मै उनको देखकर थोड़ा शांत हुआ पर फिर डर से मेरी चीख ही निकल गई मै भागा ट्रेन इतनी रफ्तार से दौड़ रही थी और चलती ट्रेन मै किसी का चढ़ पाना बहुत ही असंम्भव था पहले ट्रेन मै कोई नहीं था मुझे अजीब से ख्याल आने लगे

मै जैसे ही भागा फिर से मुझे पकड़ लिया गया अब मै समझ चुका था वो कोई इंसान नहीं है मैने पीछे देखा तो एक भयानक लड़की खड़ी थी जिसके मुंह से लार टपक रही थी उसकी एक आंख नहीं था और हाथ कटा हुआ था सर पर बाल नहीं थे पूरा चहरे एक दम भयनाक था

चार लड़कों ने भी अपना रूप बदल दिया था वो भी प्रेत के रूप में प्रकट हो चुके थे मै डर से कुछ बोल ही नहीं पा रहा था मुझे पता ही नहीं चल रहा था कि आखिर मुझे क्या करना चाहिए मै एक दम से उस लड़की का हाथ छुड़ाकर भागा कर जाकर मैने जग्गू को जगाया

पर मैने जैसे ही उसका कम्बल उठाया जग्गू मेरी तरफ दौड़ा और देखते ही देखते उसका सर गायब हो गया और अब सिर्फ उसके धड से खून बह रहा था मुझे अब समझ आ चुका था कि मै अब एक भूतिया ट्रैन मै सफर कर रहा हूं!!

मुझे अब लग रहा था कि मै शायद अब जिंदा कभी नहीं बच पाऊंगा मैने अपनी जान बचाने के लिए ट्रेन से बाहर खुद जाना ही बेहतर समझा मै जानता था इसमें मेरी जान को खतरा है पर मै ऐसे डरकर नहीं मारना चाहता था।।

मै जैसे ही ट्रैन कि तरफ भागा मैने दरवाजा खोला तो बाहर वो लड़की जो मुझे रेलवे स्टेशन पर दिखाई थी वो नाच रही थी उसके आंखे बिल्कुल भी नहीं थी वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगी मै रोना तो चाहता पर रो भी नहीं पा रहा था क्युकी मेरे मुंह से आवाज़ ही नहीं निकल रही थी।।

मेरे लिए ये सफर इतना खतरनाक हो जाएगा मैने कभी नहीं सोचा था मुझे लगने लगा अब मेरी जिंदगी का अंत हो चुका है और मैने मरना ही बेहतर समझा पर पर मरने से पहले एक आखिरी कोशिश करना चाहता था

क्युकी हारा वही जो लड़ा नहीं....

और मैने जैसे ही उनको मारने के लिए अपना लॉकेट निकाला मै धड़ाम से नीचे गिर गया और मेरी नींद खुल गई तब मुझे पता चला कि ये तो एक सपना था जो बहुत ही ज्यादा डरावना था।

The end

कहानी तो पता नहीं कैसी लगी होगी आपको क्युकी मुझे खुद ज्यादा पसन्द नहीं आ रही थी ये यही बंद कर दिया इस बाकी अब एक अच्छी कहानी लिखूंगा जो कम से कम 35 पार्ट के उपर होगी और वो नर पिचाश या फिर डेविल के बारे में होगी
तब तक आप सब अपने ध्यान रखे take care bbey

क्रमशः (अगला भाग जल्द) 

Dear readers

आप सबने कहा था कि में हॉरर और सस्पेंस लिखूं जिसमें मर्डर भी होगा तो मैने शुरू कर दी कहानी अब जिन लोगो ने कहा था कि "हॉरर तो इश्क़ है" "हॉरर इज लव" आप लिखो हम इंतज़ार कर रहे है तो अब आपके कॉमेंट आने चाइए पार्ट Real Horror Story in Hindi कैसे लगा ये वाला जरूर बताना Aashu.....

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2 Comments

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  1. जिस तरीके से आप टुकड़ों में कहानी डालते हैं उस हिसाब से ट्रैफ़िक बढ़ने की उम्मीद कम और विजिटिंग कम होना पक्का है.
    या तो पूरी कहानी एक बार में डाल दिया करें या अपडेट जल्दी करें.

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    1. Ji shukriya aapka ab mai ek saath kahani likh dunga or ise aak hi update kar deta hu 🙏

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